रांची
झारखंड हाईकोर्ट ने बीजेपी के नेताओं पर पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी है। बता दें कि 23 अगस्त को भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा आयोजित रैली में अशांति फैलाने का आरोप लगाकर रांची पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी। इसमें कुल 51 नामजद और 12000 अन्य प्राथमिकी दर्ज की गयी है। इस मामले में उच्च न्यायालय ने आज बीजेपी के 18 नेताओं के खिलाफ पीड़क कारवाई पर रोक लगा दी। बीजेपी की ओऱ से अधिवक्ता प्रशांत पल्लव, पार्थ जलान, शिवानी जुलका, सुधीर श्रीवास्तव, स्मिता सिन्हा, अमित सिन्हा ने कोर्ट में दलीलें पेश कीं। 23 अगस्त को भारतीय जनता युवा मोर्चा द्वारा आयोजित रैली मे रांची पुलिस ने जो प्राथमिकी दर्ज की गयी थी उस मामले में उच्च न्यायालय ने आज बीजेपी के 18 नेताओं के खिलाफ पीड़क कारवाई पर रोक लगा दी।
इनके खिलाफ पीड़क कारवाई पर रोक लगाई गयी
बाबूलाल मरांडी, कर्मवीर, आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा, ढुल्लू महतो, अमर कुमार बाउरी, कुशवाहा शशि भूषण, अपर्णा सेन गुप्ता, डॉ नीरा यादव, शशांक राज, प्रतुल शाहदेव, मंगल मूर्ति तिवारी, सत्येंद्र नाथ तिवारी, अमित कुमार, अमरदीप यादव, आरती कुजुर्, वरुण कुमार औऱ इंदु शेखर मिश्रा के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक लगा दी गयी है।
मामले में सुधीर श्रीवास्तव ने बताया कि लालपुर थाना मे संजय कुमार, कार्यपलक दंडाधिकारी के आवेदन पर बीजेपी नेताओं पर प्राथमिकी दर्ज की गयी थी। इसमें हत्या के प्रयास की धारा भी लगायी गयी है। इस मामले में पुलिस ने आंसू गैस, रबर गोली और लाठी चार्ज किया था। दर्जन भर से अधिक बीजेपी नेता घायल हुए थे और अस्पताल मे भर्ती हुए थे। मामले की सुनवाई आज उच्च न्यायालय मे हुई और न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि 3 सप्ताह के अंदर शपथ पत्र दायर करे।